दिल्ली विश्वविद्यालय का भारतीय सांस्कृतिक अनुसंधान परिषद के साथ एक समझौता
प्रेस विज्ञप्ति
दिल्ली विश्वविद्यालय का भारतीय सांस्कृतिक अनुसंधान परिषद के साथ एक समझौता
जिस दिन भारत स्वामी विवेकानंद जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मना रहा है, उस दिन भारतीय विदेश मंत्रालय के अधीन चल रहे भारतीय सांस्कृतिक अनुसंधान परिषद ने विदेशी छात्रों की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए एक ICCR केंद्र की स्थापना हेतु दिल्ली विश्वविद्यालय के साथ एक समझौता ज्ञापन किया। कार्यवाहक कुलपति प्रो पीसी जोशी ने कहा कि इस तरह के अपने में पहले समझौते के सहयोग से दिल्ली विश्वविद्यालय वैश्विक उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित स्थान बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। भारत को अंतरराष्ट्रीय छात्रों के अध्ययन हेतु एक प्रमुख केंद्र बनने की सरकार की प्रतिबद्धता की दिशा में एक बड़ा कदम है। ICCR प्रत्येक वर्ष 120 से अधिक देशों के छात्रों को अध्ययन के लिए भारत लाता है। इस समझौते के होने के पहले ही दिल्ली विश्वविद्यालय को ICCR से विदेशी विद्यार्थी का लाभ मिलना शुरू हो गया है। पहले की तुलना में तीन गुना अधिक छात्र ८० देशों से इस वर्ष आ रहे हैं । ICCR ने विश्वविद्यालय में शैक्षणिक वातावरण और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ाने के लिए विभिन्न शैक्षणिक, सांस्कृतिक और पाठ्येतर कार्यक्रमों का संचालन करने का भी वादा किया है, जिससे विदेशी विद्वानों और शिक्षकों के लिए शैक्षणिक आदान-प्रदान की सुविधा हो और एक स्वस्थ शैक्षणिक विकास बन सके। विदेशी शैक्षणिक संस्थानों से विश्वविद्यालय में संकायों के लिए विदेशी आचार्य भी अब दिल्ली विश्वविद्यालय आएंग। ऐसा कार्यवाहक कुलपति प्रो पीसी जोशी के सक्रिय समर्थन के कारण संभव हुआ । श्री दिनेश पट्टनायक, महानिदेशक, ICCR भी इस ऐतिहासिक क्षण पर उपस्थित थे जब डाक्टर विकास गुप्ता, रजिस्ट्रार ने विश्वविद्यालय की ओर से इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। डॉ अमरजीव लोचन, विदेशी छात्र सलाहकार, और उप-अधिष्ठाता , अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध ने इस पूरे प्रकरण में सक्रिय भूमिका निभाई।